देश में बड़ी आतंकी साजिश नाकाम करते हुए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अलग-अलग शहरों से 6 आतंकियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार 4 आतंकियों जान मोहम्मद, ओसामा, मूलचंद, अबु बकर को पुलिस ने 14 दिन के रिमांड पर भेजा है, वहीं बचे हुए दो आतंकियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा। आतंकी जीशान और आमिर जावेद की आज दोपहर में कोर्ट में पेशी होगी।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार आतंकियों की यूपी चुनाव से पहले औऱ त्यौहारों के मौके पर कई शहरों में हमले का प्लान था। बताया जा रहा है जीशान और ओसामा ने पाकिस्तान में 15 दिन की ट्रेनिंग ली थी। दाऊद का भाई अनीस इब्राहिम दोनों आतंकियों का हैंडलर था।
इन आतंकियों के पास से विस्फोटक और हथियार बरामद हुए है। मिली जानकारी के अनुसार, प्रयागराज में IED को डिफ्यूज किया गया।
इस मामले में जल्द हो सकती है और गिरफ्तारियां
पकड़े गए मॉड्यूल के अलावा भी कुछ दूसरे मॉड्यूल के भारत में एक्टिव होने का शक
स्पेशल सेल की टीम इनसें पूछताछ के बाद कई और जगहों पर कर रही है छापेमारी
गिरफ्तार आतंकियों के पास से मिली संदिग्ध चीजे, जिसे डिकोड करने में जुटी हुई है स्पेशल सेल की टीम
पाक आर्मी के अफ़सर ने कराची के पास ठतर इलाके में दी ट्रेनिंग:
ठतर वही इलाक़ा है, जहां मुंबई के 26/11 हमले में शामिल आतंकी अजमल कसाब को पाकिस्तान आर्मी के अफ़सरों ने ट्रेनिंग दी थी। पाकिस्तान आर्मी और ISI का सेफ़ हाउस ठतर इलाक़े में है, यहीं आतंकी कसाब समेत कुछ और आतंकियों को ट्रेनिंग दी गयी थी।
स्पेशल सेल सूत्रों के मुताबिक, दोनों आतंकी को पाकिस्तान के कराची के काफी दूर इलाके में ग्वादर पोर्ट बंदरगाह के जिओनी इलाके में पहले ले जाया गया, फिर वहां से इन्हें पाकिस्तान के ठतर इलाके के फॉर्म हाउस में ले जाया गया। ये इलाका ईरान के एकदम नजदीक है।
इस फॉर्म हाउस में दो आर्मी के अधिकारी पहले से मौजूद थे और एक सिविल ड्रेस में पाकिस्तान का शख्स मौजूद था। इसी ट्रेनिंग कैम्प में स्पेशल सेल के हाथ गिरफ़्तार ज़िशान और ओसामा को पाक आर्मी के अफ़सरों ने IED बनाने कि ट्रेनिंग दी।
ठतर जिला आतंकी गतिविधियों के लिए जाना जाता है। बहुत सारे आतंकी खासकर जैशे मोहम्मद से जुड़े इसी जगह रहते है और ट्रेनिंग लेते है।
आतंकियों ने बदला रूट
एजेंसी के मुताबिक, पहले पाकिस्तान आतंकी ट्रेनिंग व रिक्रूटमेंट के लिए दुबई रूट के जरिये इस्तेमाल करता था, जबकि इस मामले में शायद पहली बार ऐसा होगा कि आतंकियों को ट्रेनिंग के लिए ओमान, मस्कत और सी रूट का इस्तेमाल ग्वादर पोर्ट होते हुए किया गया।