राफेल समझौते की जांचः फ्रांस ने लिया एक्शन, जज की नियुक्ति, जानें आखिर क्या है मामला

पेरिसः फ्रांस सरकार ने राफेल समझौते की जांच के लिए बड़ा कदम उठाया है। फ्रांस ने एक जज की नियुक्ति की है।

फ्रांस की पब्लिक प्रॉसिक्यूशन सर्विसेज की फाइनेंशियल क्राइम ब्रांच (पीएनएफ) ने शुक्रवार को कहा कि एक फ्रांसीसी न्यायाधीश को “भ्रष्टाचार” के संदेह पर भारत को राफेल लड़ाकू विमानों की 2016 के एक विवादास्पद बहु-अरब डॉलर की बिक्री की जांच करने का काम सौंपा गया है।

भारत सरकार और फ्रांसीसी विमान निर्माता डसॉल्ट के बीच 36 विमानों के लिए 7.8 बिलियन यूरो (9.3 बिलियन डॉलर) का सौदा लंबे समय से भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसा हुआ है। पीएनएफ ने शुरू में बिक्री की जांच करने से इनकार कर दिया था।

डसॉल्ट ने पलटवार किया कि समूह के ऑडिट में कोई गलत काम नहीं किया गया था। साल 2018 में भी शेरपा ने शिकायत दर्ज कराई थी। डसॉल्ट ने 2012 में भारत को 126 जेट विमानों की आपूर्ति के लिए एक अनुबंध किया था और भारतीय एयरोस्पेस कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ बातचीत कर रहा था।

केंद्र की भाजपा नीत राजग सरकार ने फ्रांसीसी एयरोस्पेस कंपनी दसॉल्ट एविएशन से 36 राफेल जेट खरीदने के लिए 23 सितंबर, 2016 को 59,000 करोड़ रुपये के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। लोकसभा चुनाव,2019 से पहले कांग्रेस ने विमान की दरों और कथित भ्रष्टाचार सहित इस सौदे को लेकर कई सवाल खड़े किये थे, लेकिन सरकार ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया था।

कांग्रेस ने राफेल सौदे में ‘बिचौलिये’ संबंधी खबर को लेकर सरकार पर निशाना साधा

कांग्रेस ने राफेल सौदे में एक ‘बिचौलिये’ से संबंधित आरोपों को लेकर सरकार पर नए सिरे से निशाना साधा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब की मांग की। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह आरोप भी लगाया कि इस विमान सौदे में भ्रष्टाचार हुआ है और सरकारी खजाने को 21,075 करोड़ रुपये की चपत लगी है।

उन्होंने एक फ्रांसीसी समाचार पोर्टल की खबर का हवाला दिया, जिसमें दावा किया गया है कि राफेल सौदे में एक ‘बिचौलिये’ की भूमिका थी। सुरजेवाला ने सवाल किया, ”एक बिचौलिया कैसे इतना शक्तिशाली हो सकता है कि वह सबसे बड़े रक्षा सौदे में मोदी सरकार के निर्णयों को प्रभावित कर दे? क्या इसकी गहन और स्वतंत्र जांच नहीं होनी चाहिए?”

कांग्रेस के मीडिया प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने शनिवार को “प्रथम दृष्टया भ्रष्टाचार” के लिए राफेल सौदे की जांच के लिए फ्रांसीसी अभियोजन एजेंसी के फैसले का हवाला देते हुए प्रेस को संबोधित किया और कहा, “अगर फ्रांसीसी अभियोजक पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति की भूमिका के साथ सौदे की जांच कर सकते हैं।

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