अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी (Syed Ali Shah Geelani) का निधन हो गया है. उनका निधन श्रीनगर के हैदरपुरा स्थित अपने आवास में हुआ. 92 वर्षीय गिलानी बीते कई सालों से अपने घर में ही नजरबंद थे. गिलानी वो नेता थे जिन्होंने बीते कई दशकों से कश्मीर में अलगाववाद को हवा दी हुई थी. हालांकि, बाद में जिस हुर्रियत को उन्होंने बनाया, बीते साल उसी से इस्तीफा देकर अलग हो गए थे.
हुर्रियत कांफ्रेंस के पहले कंवेनर महमूद अमहद सागर थे. इस संगठन से जुड़ाव और इसकी सोच के कारण गिलानी पर कई बार कार्रवाई हुई. संगठन का उद्देश्य कश्मीर में अलगाववाद को किसी भी तरह से जिंदा रखना था.
कई तरह के आरोप
गिलानी पर राजद्रोह से लेकर हवाला फंडिंग, पाकिस्तान से फंडिंग जैसे कई आरोप लगे हैं. आतंकी हाफिज सईद से पैसे लेने को लेकर भी गिलानी से पूछताछ हुई थी.
आखिरकार हुर्रियत से भी देना पड़ा इस्तीफा
इस सबके बीच हुर्रियत की पहचान रहे गिलानी ने बीते साल संगठन के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था. उनके इस्तीफे को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई थीं. कहा गया कि संगठन के भीतर दो गुटों में रार बहुत ज्यादा बढ़ गई थी. माना गया था कि गिलानी ने बगावती तेवरों को देखते हुए नाराज होकर इस्तीफा दिया था.
आईजीपी कश्मीर विजय कुमार ने बताया कि पूरी घाटी में पाबंदियां लगाने के साथ ही मोबाइल इंटरनेट सेवा स्थगित कर दी गई है। इस बीच दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग से हुर्रियत नेता तथा जम्मू-कश्मीर पीपुल्स लीग के अध्यक्ष मुख्तार अहमद वाजा को देर रात गिरफ्तार कर लिया गया।
गिलानी के निधन के बाद पूरी घाटी में अलर्ट कर दिया गया। पुलिस तथा सुरक्षा बलों की संवेदनशील स्थानों पर तैनाती कर दी गई है। सभी जिलों के एसएसपी को कानून व्यवस्था बनाए रखने की हिदायत दी गई है। गिलानी के परिवार वाले चाहते हैं कि श्रीनगर के शहीदी कब्रगाह में उन्हें दफनाया जाए, लेकिन उन्हें हैदरपोरा में दफनाए जाने की उम्मीद है। उधर, उत्तरी कश्मीर के लोगों से संयम बरतने की पुलिस ने अपील की है। लोगों से श्रीनगर की ओर न जाने की सलाह दी है।
तीन बार सोपोर से रहे विधायक
अनुच्छेद 370 हटने के बाद जून 2020 में उन्होंने हुर्रियत (जी) के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था। 29 सितंबर 1929 को सोपोर में जन्मे गिलानी पूर्व में जमात-ए-इस्लामी के सदस्य थे, लेकिन बाद में तहरीक-ए-हुर्रियत का गठन किया। वे आल पार्टीज हुर्रियत कांफ्रेंस के चेयरमैन भी रहे। 1972, 1977 व 1987 में वे सोपोर से विधायक रहे।
महबूबा-सज्जाद ने जताया शोक
उनके निधन पर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती व पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने संवेदना प्रकट की है। महबूबा ने ट्वीट किया कि गिलानी साहब के निधन की खबर से दुखी हूं। हम ज्यादातर बातों पर सहमत नहीं हो सकते हैं, लेकिन मैं उनकी दृढ़ता और उनके विश्वासों के साथ खड़े होने के लिए उनका सम्मान करती हूं। अल्लाहताला उन्हें जन्नत और उनके परिवार तथा शुभचिंतकों के प्रति संवेदना प्रदान करें।
(Disclaimer: यह खबर सीधे सिंडीकेट फीड से पब्लिश हुई है. इसे Rang De Basanti टीम ने संपादित नहीं किया है.)