वाराणसी के चर्चित काशी विश्वनाथ और ज्ञानवापी मस्जिद मामले में जिला कोर्ट में सुनवाई हुई. यह सुनवाई ज्ञानवापी मस्जिद के पुरातात्विक (ASI) सर्वेक्षण कराने के सिविल जज के आदेश के खिलाफ दाखिल अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की याचिका पर हुई. विश्वनाथ मंदिर पक्ष की ओर से इन याचिकाओं के खिलाफ 63 पन्नों का शपथपत्र दाखिल किया गया. अब इस मामले में अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी.
दरअसल, ज्ञानवापी मस्जिद पक्ष मस्जिद परिसर का पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने के पक्ष में नहीं है. यही वजह है कि पहले सिविल जज के फैसले के खिलाफ यूपी सुन्नी सेंट्रल बोर्ड ऑफ वक्फ और इसके बाद अंजुमन इंतजामिया मसाजिद ने रिवीजन/निगरानी याचिका दाखिल की. इन्हीं याचिकाओं के एडमिशन पर रोक लगाने के लिए विश्वनाथ मंदिर पक्ष ने अपना शपथपत्र दाखिल किया. अब इसपर मस्जिद की ओर से जवाब देने के लिए समय मांगा गया.
कोर्ट ने दिया था ASI सर्वेक्षण का आदेश
ज्ञानवापी परिसर में मंदिर था या मस्जिद, इसे लेकर दशकों से बहस चल रही है. इस मामले में 1991 से कोर्ट में केस चल रहे हैं. इस मामले में 8 अप्रैल 2021 को सिविल जज सीनियर सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट की ओर से ASI सर्वेक्षण का आदेश दिया गया था. कोर्ट के आदेश के मुताबिक, केंद्रीय पुरातात्विक सर्वेक्षण द्वारा 5 सदस्यीय विशेषज्ञों की टीम बनाकर ज्ञानवापी परिसर की खुदाई कर धार्मिक स्वरूप और शिवलिंग होने का पता लगाया जाएगा.
आदेश के खिलाफ जिला कोर्ट पहुंचा मस्जिद पक्ष
इस फैसले के खिलाफ अंजुमन इंतजामिया मसाजिद ने 5 जुलाई को निगरानी याचिका दायर कर आदेश को चुनौती दी थी. इससे पहले 30 अप्रैल को ही सुन्नी सेंट्रल बोर्ड ऑफ वक्फ ने निगरानी याचिका दायर की थी. इस मामले में मंदिर पक्ष ने रिवीजन न करने की मांग की है. मंदिर पक्ष द्वारा दाखिल शपथपत्र में संस्कृत से लेकर अंग्रेजी तक उन तमाम कोड का जिक्र किया है, जिनमें मंदिर का प्रमाण मिलता है.
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