इस्लामिक विद्वान मौलाना कलीम सिद्दीकी को एटीएस टीम ने धर्मांतरण के मामले में मेरठ से गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में एटीएस ने पूछताछ के बाद लखनऊ में बड़े खुलासे किए हैं। एटीएस के अनुसार, उसे हवाला के जरिए विदेशों से फंडिंग की जाती थी। वह लोगों को प्रभावित कर शरीयत व्यवस्था लागू करने और जनसंख्या अनुपात बदलने के लिए वृहद स्तर पर धर्मांतरण करवा रहा था। कलीम की गतिविधियां संदिग्ध होने का शक जताया गया था। यूपी एटीएस लंबे समय से उस पर नजर रखे हुए थी। चर्चा यह भी है कि मौलाना कलीम ने ही पूर्व बॉलीवुड अभिनेत्री सना खान का निकाह कराया था।
मौलाना कलीम सिद्दीकी (64 वर्ष) मंगलवार शाम सात बजे साथी अन्य मौलानाओं के साथ मेरठ के लिसाड़ीगेट में हूमायुंनगर की मस्जिद माशाउल्लाह के इमाम शारिक के आवास पर एक कार्यक्रम में आया था। रात नौ बजे इशा की नमाज के बाद वह अपने साथियों के साथ गाड़ी से वापस फुलत के लिए रवाना हो गया। इस दौरान परिजनों ने उन्हें कॉल की, लेकिन मोबाइल बंद मिला। परिजनों ने जानकारी मेरठ में इमाम शारिक को दी। परिजनों और परिचितों ने तलाश शुरू की, लेकिन जानकारी नहीं मिली। इसके बाद लोगों की भीड़ लिसाड़ीगेट थाने पर जुट गई। देर रात तक हंगामा चलता रहा। कुछ समय बाद जानकारी मिली कि मौलाना को एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया।
बता दें कि मुजफ्फरनगर के खतौली क्षेत्र के फूलत निवासी मौलाना कलीम सिद्दीकी और तीन मौलाना व ड्राइवर सलीम को मंगलवार रात सुरक्षा एजेंसी ने उठा लिया था। रात भर लखनऊ एटीएस ने इन चारों मौलानाओं से पूछताछ की। इसके बाद आज इस मामले में जांच एजेंसी ने बड़ा खुलासा किया है।
यूपीएटीएस के अनुसार, मुजफ्फरनगर निवासी मौलाना कलीम सिद्दीकी दिल्ली में रहता है और विभिन्न प्रकार की शैक्षणिक, सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं की आड़ में अवैध धर्मांतरण के कार्य को अंजाम देता है जिसके लिए विदेशों से फंडिंग की जाती है। वह गैर मुस्लिमों को गुमराह और भयाक्रांत कर उन्हें धर्मांतरित करता है और फिर उन्हें भी इस कार्य में लगाता है।
मौलाना कलीम सिद्दीकी को धर्मांतरण कराने के शक में एटीएस ने रास्ते से उठा लिया। संदिग्ध गतिविधि के चलते इस्लामिक विद्वान मौलाना कलीम सिद्दीकी सुरक्षा एजेंसी के निशाने पर था। मौलाना के मेरठ आने की जानकारी एजेंसी को पहले से थी। यही वजह है कि जांच एजेंसी ने वापसी के दौरान उसे पकड़ लिया।
पूछताछ में सामने आया कि मौलाना कलीम जामिया इमाम वलीउल्ला नामक एक ट्रस्ट संचालित करता है। वह कई मदरसों की फंडिंग भी करता है जिसके लिए उसे विदेशों से भारी धनराशि हवाला के जरिए भेजी जाती है।
मौलाना कलीम सिद्दीकी पर अनगिनत धर्मांतरण कराने के आरोप हैं। बता दें कि फुलत के मौलाना कलीम सिद्दीकी का इस्लामिक विद्वानों में नाम शुमार है। वह फुलत के मदरसा जामिया इमाम वलीउल्लाह इस्लामिया का निदेशक भी है। सात सितंबर को मुंबई में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के द्वारा आयोजित राष्ट्र प्रथम और राष्ट्र सर्वोपरि कार्यक्रम में भी मौलाना कलीम शामिल हुआ था।
एटीएस की जांच में सामने आया कि मौलाना मदरसों की आड़ में पैगामे इंसानियत के संदेश देने के बहाने लोगों को जन्नत और जहन्नुम जैसी बातों का लालच या भय दिखाकर इस्लाम स्वीकारने के लिए प्रेरित करता है और बाद में इन्हें प्रशिक्षित कर अन्य लोगों का धर्मांतरण कराने का कार्य करता है।
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